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सरस्वती स्तोत्र पीडीऍफ़ डाउनलोड | Saraswati Stotram :- नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप की pdfhind.com पर आज की इस पोस्ट में हम आप को सरस्वती स्तोत्रं का पाठ ले कर आये है | तो आप यहाँ से माँ सरस्वती जी के स्तोत्रं का पाठ कर सकते है साथ ही आप यहाँ से पीडीऍफ़ फाइल भी डाउनलोड भी कर सकते है |
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माँ सरस्वती जी का जन्म भगवन बह्मा जी के मूख से हुआ था | माता जी का पसंदीदा वाद्य यन्त्र गिटार है | मां सरस्वती जी को ज्ञान की देवी के रूप में पूजा जाता है | सनातन धर्म में दो सरस्वती माताओं का वर्णन मिलता है | जिन में एक बह्मा जी की पुर्त्री और एक बह्मा की पत्नी है | बह्मा की पत्नी सरस्वती त्रिदेवियो में से एक है और बह्मा जी की पुर्त्री बह्मा जी के तेज से पैदा हुई थी |

सरस्वती माता जी को ज्ञान की देवी के रूप में पूजा जाता है और हर स्कूल और महाविद्यालयो में इन की हर दिन सुबह आरती /प्रार्थना की जाती है | कहा जाता है की माता जी की पूजा अर्चना करने और अपनी भगती से माता जी को खुश करने से व्येक्ति विद्वान् बनता है और मुख पर विरजमान भी हो सकती है |
माँ सरस्वती स्तोत्रं के पीडीऍफ़ फाइल की जानकारी | Saraswati Stotram file Details
Name of the PDF File | Saraswati Stotram |
PDF File Size | 1 MB |
Categories | Religious |
Beneficiary | Any one |
Source | PDFHIND.COM |
Uploaded on | 08-02-2022 |
PDF Language | HINDI & SANSKRIT |
Total page | 2 |
हिन्दू धर्म में कहावत है जी जो मनुष्य सच बोलता है या फिर बोला हुवा सच होता है उस के जिव्हा पर माता सरस्वती जी विराजमान होती है |
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती जी की पूजा करना, स्तोत्रं का पाठ करना, चालीसा, आरती का पाठ करना बेहद ही सकारात्मक प्रभाव देता है | मां सरस्वती को प्रसन्न करके आपको सद्बुद्धि, ज्ञान, विवेक की प्राप्ति हो सकती है | अगर आप भी करना चाहते है माँ सरस्वती जी के स्तोत्रं का पाठ करना तो ध्यान पूर्वक पढ़े हमारी यह पोस्ट |
मां सरस्वती स्त्रोत्रम को पढ़ने के फायदे | Benefit of Saraswati Stotram path
- माता जी के स्तोत्रं का पाठ करने से विधार्थी जीवन सुखद और सुखमय रहता है |
- Saraswati Stotram का पाठ करने से ज्ञान और बुद्धि के साथ साथ स्मरण शक्ति बढती है |
- सरस्वती मारा जी पूजा अर्चना करने से घर में शांति का माहोल बना रहता है |
- Saraswati Stotram का पाठ करने से व्यक्ति बुद्धिमान, और होनहार होता हिया |
- आयुर्वेद के अनुसार भी अगर सुबह जल्दी उठ के हम भगवन को याद करे तो हमारी स्मरण शक्ति बढती है |
- Saraswati Stotram का पाठ करने से मनुष्य को अपने मार्ग से विचलित नहीं हिने दे रही है |
- माता जी के पाठ करने से शिव की कृपा से सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक,सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है |
- Saraswati Stotram पाठ करने से वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है।
- माता का पाठ करने से हमरे शरिर में एक सकारात्मक उर्जा मिलती है यह आयुर्वेद में भी बताया है |
माँ सरस्वती स्तोत्रं के पीडीऍफ़ फाइल | Saraswati Stotram path
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।
या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥
पढ़े हिंदी अर्थ – जो कुन्द के फूल, चन्द्रमा और बर्फ के समान सफ़ेद रंग का हैं। जो शुभ्र वस्त्र धारण करती हैं। जिनके हाथ उत्तम वीणा (वध्य यन्त्र )से सुशोभित हैं। जो सफ़ेद कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि जिनकी सदा स्तुति करते हैं और जो सब प्रकार की जड़ता हर लेती हैंया सभी कष्ट को हर लेती है, वे भगवती सरस्वती मेरा पालन करें।
आशासु राशीभवदङ्गवल्लीभासैव दासीकृतदुग्धसिन्धुम् ।
मन्दस्मितैर्निन्दितशारदेन्दुं
वन्देऽरविन्दासनसुन्दरि त्वाम् ॥2॥
पढ़े हिंदी अर्थ – हे कमल के आसन पर बैठने वाली सुन्दरी सरस्वति ! आप सब दिशाओं में फैली हुई अपनी देहलता की आभा से ही क्षीर सागर को दास बनाने वाली और मंद मुस्कान से शरद ऋतु के चन्द्रमा को तिरस्कृत करने वाली हैं(माता जी की मुस्कान को बहुत ही प्यारी बताई है ), मैं आपको प्रणाम करता हूँ।
शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे ।
सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात् ॥3॥
पढ़े हिंदी अर्थ– शरद ऋतु में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सब मनोरथों को पूर्ण करने वाली शारदा सब सम्पत्तियों के साथ मेरे मुख में सदा निवास करें(सरस्वती जी के जिव्हा पर वास करते है )।
सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम् ।
देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जनाः ॥4॥
पढ़े हिंदी अर्थ – वाणी की अधिष्ठात्री उन देवी सरस्वती को मैं प्रणाम करता हूँ, जिनकी कृपा से मनुष्य देवता बन जाता है(माता जी कि पूजा करने से उनका आशीर्वाद से ही मनुष्य बिद्वान बन जाता है )।
पातु नो निकषग्रावा मतिहेम्नः सरस्वती ।
प्राज्ञेतरपरिच्छेदं वचसैव करोति या ॥5॥
पढ़े हिंदी अर्थ – बुद्धिरूपी सोने के लिए कसौटी के समान सरस्वती जी, जो केवल वचन से ही विद्वान और मूर्खों की परीक्षा कर देती हैं, हम लोगों का पालन करें।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् ।
हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् ॥6॥
पढ़े हिंदी अर्थ – जिनका रूप श्वेत है, जो ब्रह्म विचार की परम तत्व हैं, जो सारे संसार में व्याप्त हैं, जो हाथों में वीणा और पुस्तक धारण किये रहती हैं, अभय देती हैं, जड़ता रूपी अंधकार को दूर करती हैं, हाथ में स्फटिक की माला लिए रहती हैं, सफ़ेद कमल के आसन पर विराजमान होती हैं और बुद्धि देनेवाली हैं, उन आद्या परमेश्वरि भगवती सरस्वती की मैं वंदना करता हूँ।
वीणाधरे विपुलमङ्गलदानशीले
भक्तार्तिनाशिनि विरञ्चिहरीशवन्द्ये ।
कीर्तिप्रदेऽखिलमनोरथदे महार्हे
विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम् ॥7॥
पढ़े हिंदी अर्थ – हे वीणा धारण करने वाली, अपार मंगल देने वाली, भक्तों के दुःख छुड़ाने वाली, ब्रह्मा, विष्णु और शिव से वन्दित होने वाली, कीर्ति तथा मनोरथ देने वाली और विद्या देने वाली पूजनीया सरस्वती ! मैं आपको नित्य प्रणाम करता हूँ।
श्वेताब्जपूर्णविमलासनसंस्थिते हे
श्वेताम्बरावृतमनोहरमञ्जुगात्रे ।
उद्यन्मनोज्ञसितपङ्कजमञ्जुलास्ये
विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम् ॥8॥
पढ़े हिंदी अर्थ – हे श्वेत कमलों से भरे हुए निर्मल आसन पर विराजने वाली, श्वेत वस्त्रों से ढके सुन्दर शरीर वाली, खिले हुए सुन्दर श्वेत कमल के समान मंजुल मुख वाली और विद्या देने वाली सरस्वती ! मैं आपको नित्य प्रणाम करता हूँ।
मातस्त्वदीयपदपङ्कजभक्तियुक्ता
ये त्वां भजन्ति निखिलानपरान्विहाय ।
ते निर्जरत्वमिह यान्ति कलेवरेण
भूवह्निवायुगगनाम्बुविनिर्मितेन ॥9॥
पढ़े हिंदी अर्थ – हे माता ! जो मनुष्य आपके चरण कमलों में भक्ति रखकर और सब देवताओं को छोड़ कर आपका भजन करते हैं, वे पृथ्वी, अग्नि, वायु, आकाश और जल – इन पाँच तत्वों के बने शरीर से ही देवता बन जाते हैं।
मोहान्धकारभरिते हृदये मदीये
मातः सदैव कुरू वासमुदारभावे ।
स्वीयाखिलावयवनिर्मलसुप्रभाभिः
शीघ्रं विनाशय मनोगतमन्धकारम् ॥10॥
पढ़े हिंदी अर्थ – हे उदार बुद्धि वाली माँ ! मोह रूपी अंधकार से भरे मेरे ह्रदय में सदा निवास करें और अपने सब अंगों की निर्मल कान्ति से मेरे मन के अंधकार का शीघ्र नाश कीजिये।
ब्रह्मा जगत् सृजति पालयतीन्दिरेशः
शम्भुर्विनाशयति देवि तव प्रभावैः ।
न स्यात्कृपा यदि तव प्रकटप्रभावे
न स्युः कथञ्चिदपि ते निजकार्यदक्षाः ॥11॥
पढ़े हिंदी अर्थ – हे देवि ! आपके ही प्रभाव से ब्रह्मा जगत को बनाते हैं, विष्णु पालते हैं और शिव विनाश करते हैं। हे प्रकट प्रभाव वाली माँ ! यदि इन तीनों पर आपकी कृपा न हो, तो वे किसी प्रकार अपना काम नहीं कर सकते।
लक्ष्मीर्मेधा धरा पुष्टिर्गौरी तुष्टिः प्रभा धृतिः ।
एताभिः पाहि तनुभिरष्टाभिर्मां सरस्वति ॥12॥
अर्थ – हे सरस्वती ! लक्ष्मी, मेधा, धरा, पुष्टि, गौरी, तुष्टि, प्रभा, धृति – इन आठ मूर्तियों से मेरी रक्षा करें मेरी सुरक्षा करे ।
सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नमः ।
वेदवेदान्तवेदाङ्गविद्यास्थानेभ्य एव च ॥13॥
पढ़े हिंदी अर्थ – सरस्वती को नित्य नमस्कार है (माता में आप को रोजाना नमस्कार करता हु ), भद्रकाली को नमस्कार है और वेद, वेदान्त, वेदांग तथा विद्याओं के स्थानों को नमस्कार है।
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने ।
विद्यारुपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तु ते ॥14॥
पढ़े हिंदी अर्थ – हे महाभाग्यवती ज्ञानस्वरूपा कमल के समान विशाल नेत्र वाली(भाग्य को चमकाने वाली कमल ले फूल के सामान बड़ी बड़ी अखो वाली ), ज्ञानदात्री सरस्वती ! मुझे विद्या प्रदान करें, मैं आपको प्रणाम करता हूँ।
यदक्षरं पदं भ्रष्टं मात्राहीनं च यद्भवेत् ।
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि ॥15॥
पढ़े हिंदी अर्थ – हे देवि ! जो अक्षर, पद अथवा मात्रा छूट गयी हो, उसके लिए क्षमा करें और हे (मेरी गलती हो माफ़ करे ) परमेश्वरि ! मुझ पर सदा प्रसन्न रहें।
॥ इति श्री सरस्वती स्तोत्रम सम्पूर्णम् ॥इसी पारकर सरस्वती स्तोत्रं पाठ समाप्त हुआ
Saraswati Stotram path