[PDF]Sri Radha Chalisa [Hindi&English] | श्री राधा रानी चालीसा

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Sri Radha Chalisa : नमस्कार दोस्तों आज कि इस पोस्ट में हम श्री राधा रानी चालीसा(Sri Radha Chalisa) का पाठ लेकर आए हैं तो आप यहां से श्री राधा रानी जी का पाठ पढ़ सकते हैं और नीचे दिए गए डाउनलोड लिंक से पीडीएफ को डाउनलोड भी कर सकते हैं | दोस्तों राधा रानी चालीसा का पाठ पढ़ने से माता रानी का आशीर्वाद हमें प्राप्त होता है |

Sri Radha Chalisa : दोस्तों पुराणों और ग्रंथों के अनुसार राधा रानी का जन्म बरसाना के राजा वृर्षभानु के घर में हुआ था | यह यादव संप्रदाय से संबंधित थे | माना जाता है कि राधा जी मां लक्ष्मी के 1 अवतार थे | मां राधा जी के माता जी का नाम कीर्ति देवी था | राधा जी का विवाह वृंदावन में वर्मा जी ने भगवान श्री कृष्ण जी के साथ करवाया था | ग्रंथों और पुराणों में राधा और कृष्ण जी की पूजा करने का और उनका आशीर्वाद पाने का एक विशेष महत्व बताया गया है कहा जाता है कि राधा जी के बिना भगवान कृष्ण अधूरे हैं |

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Sri Radha Chalisa : राधा रानी को अनेको नामों से पुकारा जाता है-जैसे कि कृष्णप्यारी, राधिका, माधवी मुख्य हैं | राधा रानी जी का अस्त्र कमल और राधा जी कमल और सिहासन की सवारी करते हैं | भगवान श्री कृष्ण जी के साथ साथ राधा रानी जी की भी पूजा करने से हमें विशेष लाभ मिलता है और राधा कृष्ण जी का आशीर्वाद भी मिलता है क्योंकि कहा जाता है कि एक के बिना एक अधूरा है | तो राधा और श्रीकृष्ण भगवान की पूजा करने से हमें भगवान का आशीर्वाद जल्दी मिलता है हमने नीचे श्री राधा रानी जी चालीसा (Sri Radha Chalisa) का पाठ हिंदी और इंग्लिश( अंग्रेजी ) में दिया है यहां से आप माता रानी का पाठ कर सकते हैं |

Sri Radha Chalisa
Sri Radha Chalisa

श्री राधा चालीसा पाठ की जानकारी | Sri Radha Chalisa Path file Details

Name of the PDF FileSri Radha Chalisa (राधा चालीसा पीडीऍफ़ फाइल )
PDF File Size7.4 MB
CategoriesReligious
SourcePDFHIND.COM
Uploaded on06-01-2022
PDF LanguageHINDI & ENGLISH

माता राधा रानी का पाठ कैसे करे | How to Recite Sri Radha Chalisa

दोस्तों हम ने यहाँ पर माता रानी का पाठ कैसे करे उस के बारे में बताया है तो आप यहाँ से पढ़ सकते है लेकिन जैसे की आप को पता है की कोरोना काल के चलते घर से बहार जाना खतरे को दावत देने है तो आप अपने घर में ही पूजा-पाठ करे –

  • माता जी का पाठ करने के लिए सुबह जल्दी उठ कर नित्य क्रिया कर के जल्दी स्नान करे |
  • फिर साफ कपडे पहन कर मंदिर में या अपने पूजा स्थान पर पूजा सामग्री ( चावल, कुमकुम, दीपक, घी, धूपबत्ती, अष्टगंध ) तैयार कर ले |
  • पूजा सामग्री को तैयारकरने के बाद माता रानी जी और श्री कृष्णा जी की प्रतिमा को स्नान के लिए ताम्बे के लोटा / मिटटी का कलश में शुद्ध जल ले कर स्नान करावे |
  • प्रसाद सामग्री ( फल, दूध, मिठाई, चूरमा, नारियल, पंचामृत आदि ) अपनी श्रद्धा के अनुसार ले सकते है |
  • पूजा सुरु करने से पहले अपने माथे पर तिलक लायगे |
  • जब भी कोई शुभ कम करने से पहले हम को श्री गणेश जी का नाम ले कर सुरु करे | तो हम पूजा भी गणेश जी के नाम से ही सुरु करते है |
  • राधा रानी जी चालीसा(Sri Radha Chalisa) का पाठ सम्पूर्ण हो जाने के बाद आप को श्री कृष्णा जी का पाठ करना चाहिय |
  • पूजा तो पूर्ण करने के तुरंत बाद प्रशाद बाटे और खुद भी प्रशाद ले |
  • कोई भी शुभ कार्य, पूजा करने के बाद दान-दक्षिणा देना चाहिय | दान दक्षिणा आप अपनी श्रद्धा के अनुसार दे सकते है |

श्री राधा रानी चालीसा पाठ को पढने के फायेदे | Benefits of Sri Radha Chalisa Path

दोस्तों राधा-कृष्णा जी दोनों की लीला अपरम्पार है | आप ने बहुत से किस्से सुने होगे और राधा रानी और श्री कृष्णा जी अपने भगतो को हमेशा प्रशन्न रखते है और उनको सुख-समर्द्ध रखते है तो आप निचे दिए गए चमत्कारी फयेदो के बारे में पढ़िए –

  • राधा चालीसा (Sri Radha Chalisa) का पाठ करने से जीवन सुखमय बनता है |
  • संकट, कष्टों, बुराई का नास करने वाला है श्री माता राधा चलीसा(Sri Radha Chalisa) का पाठ |
  • संघर्ष का सामना करने की शक्ति देता है माँ राधा चालीसा का पाठ |
  • बच्चो और बुढो को जीवन का मार्गदर्शन दिखता है माँ राधा चालीसा का पाठ |
  • माता रानी का पाठ करने से प्रेममय जीवन जीने का वरदान मिलता है क्यकी आप जानते हिया की श्री कृष्णा और राधा जी का जो प्रेम था वो अपरम्पार ही था |

राधा चालीसा का सम्पूर्ण पाठ | Sri Radha Chalisa Path in Hindi Lyrics

॥ दोहा ॥
श्री राधे वुषभानुजा , भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दाविपिन विहारिणी , प्रानावौ बारम्बार ॥
जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम ।
चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम ॥

॥ चौपाई ॥
जय वृषभानु कुँवरी श्री श्यामा,
कीरति नंदिनी शोभा धामा ।
नित्य बिहारिनी रस विस्तारिणी,
अमित मोद मंगल दातारा ॥

राम विलासिनी रस विस्तारिणी,
सहचरी सुभग यूथ मन भावनी ।
करुणा सागर हिय उमंगिनी,
ललितादिक सखियन की संगिनी ॥

दिनकर कन्या कुल विहारिनी,
कृष्ण प्राण प्रिय हिय हुलसावनी ।
नित्य श्याम तुमररौ गुण गावै,
राधा राधा कही हरशावै ॥

मुरली में नित नाम उचारें,
तुम कारण लीला वपु धारें ।
प्रेम स्वरूपिणी अति सुकुमारी,
श्याम प्रिया वृषभानु दुलारी ॥

नवल किशोरी अति छवि धामा,
द्दुति लधु लगै कोटि रति कामा ।
गोरांगी शशि निंदक वंदना,
सुभग चपल अनियारे नयना ॥

जावक युत युग पंकज चरना,
नुपुर धुनी प्रीतम मन हरना ।
संतत सहचरी सेवा करहिं,
महा मोद मंगल मन भरहीं ॥

रसिकन जीवन प्राण अधारा,
राधा नाम सकल सुख सारा ।
अगम अगोचर नित्य स्वरूपा,
ध्यान धरत निशिदिन ब्रज भूपा ॥

उपजेउ जासु अंश गुण खानी,
कोटिन उमा राम ब्रह्मिनी ।
नित्य धाम गोलोक विहारिन ,
जन रक्षक दुःख दोष नसावनि ॥

शिव अज मुनि सनकादिक नारद,
पार न पाँई शेष शारद ।
राधा शुभ गुण रूप उजारी,
निरखि प्रसन होत बनवारी ॥

ब्रज जीवन धन राधा रानी,
महिमा अमित न जाय बखानी ।
प्रीतम संग दे ई गलबाँही ,
बिहरत नित वृन्दावन माँहि ॥

राधा कृष्ण कृष्ण कहैं राधा,
एक रूप दोउ प्रीति अगाधा ।
श्री राधा मोहन मन हरनी,
जन सुख दायक प्रफुलित बदनी ॥

कोटिक रूप धरे नंद नंदा,
दर्श करन हित गोकुल चंदा ।
रास केलि करी तुहे रिझावें,
मन करो जब अति दुःख पावें ॥

प्रफुलित होत दर्श जब पावें,
विविध भांति नित विनय सुनावे ।
वृन्दारण्य विहारिनी श्यामा,
नाम लेत पूरण सब कामा ॥

कोटिन यज्ञ तपस्या करहु,
विविध नेम व्रतहिय में धरहु ।
तऊ न श्याम भक्तहिं अहनावें,
जब लगी राधा नाम न गावें ॥

व्रिन्दाविपिन स्वामिनी राधा,
लीला वपु तब अमित अगा।
स्वयं कृष्ण पावै नहीं पारा,
और तुम्हैं को जानन हारा ॥

श्री राधा रस प्रीति अभेदा,
सादर गान करत नित वेदा ।
राधा त्यागी कृष्ण को भाजिहैं,
ते सपनेहूं जग जलधि न तरिहैं ॥

कीरति हूँवारी लडिकी राधा,
सुमिरत सकल मिटहिं भव बाधा ।
नाम अमंगल मूल नसावन,
त्रिविध ताप हर हरी मनभावना ॥

राधा नाम परम सुखदाई,
भजतहीं कृपा करहिं यदुराई ।
यशुमति नंदन पीछे फिरेहै,
जी कोऊ राधा नाम सुमिरिहै ॥

रास विहारिनी श्यामा प्यारी,
करहु कृपा बरसाने वारी ।
वृन्दावन है शरण तिहारी,
जय जय जय वृषभानु दुलारी ॥

॥ दोहा ॥
श्री राधा सर्वेश्वरी ,रसिकेश्वर धनश्याम ।
करहूँ निरंतर बास मै, श्री वृन्दावन धाम ॥

राधा चालीसा का सम्पूर्ण पाठ | Sri Radha Chalisa Path in English Lyrics

|| Doha ||
Shri radhe vrishabhanuja, bhaktani pranaadhar.
Vrindavan vipin viharini, pranavo varamvar.
Jaiso taiso ravarou, krishna priya sukhdham.
Charan sharan nij dijiye, sundar sukhad lalam.

|| Chaupai ||
Jai vrishabhan kunvari shri shyama,
Kirati nandini shobha dhama.
Nitya viharini shyam adhara,
Amit bodh mangal datara.

Raas viharini ras vistarini,
Sahachari subhag yuth man bhavni.
Nitya kishori radha gori,
shyam prannadhan ati jiya bhori.

Karuna sagari hiya umangini,
Lalitadik sakhiyan ki sangani.
Dinkar kanya kuul viharini,
Krishna prana priya hiy hulsavani.

Nitya shyam tumharo gun gave,
Shri radha radha kahi harshavahin.
Murali mein nit naam ucharein,
Tum karann lila vapu dharein.

Prema swaroopini ati sukumari,
Shyam priya vrashabhanu dulari.
Navala kishori ati chabi dhama,
Dhyuti laghu laag koti rati kaama.

Gourangi shashi nindak vandana,
Subhag chapal aniyare naina.
Javak yuth pad pankaj charana,
Nupur dhwani pritam man harna.

santata sahachari seva karhi,
Maha mod mangal man bharahi.
Rasikan jeevan prana adhara,
Radha naam sakal sukh saara.

Agam aghochar nitya swaroopa,
Dhyan dharat nishidin brajabhoopa.
Upjeoo jasu ansh gun khani,
Kotin uma rama brahmani.

Nitya dham goulok biharini,
Jan rakshak dukh dosh nasavani.
Shiv aaj muni sankadik naarad,
Paar na paye sesh aru sharad.

Radha shubh gun roopa ujarai,
Nirakhi prasanna hot banvari.
Braj jeevan dhan radha rani,
Mahima amit na jay bahkani.

Preetam sang diye gal baahin,
Biharata nit vrindavan maahi.
Radhe krishna krisha hai radha,
Ek roop dou preeti agaadha.

Shri radha mohan man harni,
Jan sukh prada prafullit badani.
Kotik roop dhare nand nanda,
Darash karan hith gokul chanda.

Raas keli kar tumhein rijhaven,
Maan karo jab ati dukh paave.
Prafullit hoth darash jab paave,
Vividh bhanti nit vinay sunave.

Vrinda rannya viharini shyama,
Naam leth puran sab kama.
Kotin yagya tapasya karuhu,
Vividh nem vrat hiy mein dharhu.

Tau na shyam bhaktahi apanve,
Jab lagi naam na radha gaave.
Vrinda vipin swamini radha,
Leela vapu tuva amit agadha.

Swayam krishna nahi pavahi paara,
Aur tumhe ko janani haara.
Shri radha ras preeti abheda,
Saadar gaan karat nit veda.

Radha tyagi krishna jo bhajihai,
Te sapnehu jag jaladhi na tarihai.
Kirati kumari laadali radha,
Sumirat sakal mitahi bhav bada.

Naam amangal mool nasavani,
Vividh taap har hari man bhavani.
Radha naam le jo koi,
Sahajahi damodar vash hoi.

Radha naam param sukhdayi,
Sahajahin kripa karen yadurai.
Yadupati nandan peeche phirihain,
Jo kouu radha naam sumirihain.

Raas viharini shyama pyari,
Karuhu kripa barsane vaari.
Vrindavan hai sharan tumhari,
Jai jai jai vrshabhanu dulari.

|| Doha ||
Shri radha rasikeshwar ghanshyam,
Karuhu nirantar vaas mai shri vrindavan dham.

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