[PDF Link] Mahalaxmi Vrat Katha Book in Hindi PDF | महालक्ष्मी व्रत कथा पुस्तक पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड लिंक

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Mahalaxmi Vrat Katha Book in Hindi | महालक्ष्मी व्रत कथा पुस्तक पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड लिंक :- नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आप के लिए महालक्ष्मी जी के सभी व्रत की पुस्तक का पीडीऍफ़ फाइल को डाउनलोड करने का सीधा लिक दिया है जिस से आप आसानी से बुक को डाउनलोड कर सकते है | हम ने व्रत कथा के साथ-साथ व्रत को करने का तरीका, व्रत करने से मिलने वाले लाभ और कब और कैसे करे ये सब जानने के लिए आप को इस पोस्ट को ध्यान से पढना होगा जिस से आप अपने व्रत को सही ढंग से कर सके और माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर सके |

दोस्तों आप को पता होगा की सभी देवियों में महान है माता लक्ष्मी जी और इसी लिए माता लक्ष्मी जी को महालक्ष्मी जी के नाम से पुकारा जाता है माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है हिन्दू धर्म में ऐसा कोई भी घर नहीं होगा जिस में माता लक्ष्मी जी को पूजा नहीं जाता है कहने का मतलब है की सभी घर में माँ लक्ष्मी जी को याद किया जाता है | विशेष तौर पर दीपावली के पर्व को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है | इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना की जाती है |

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Mahalaxmi Vrat Katha
Mahalaxmi Vrat Katha

इस दिन करे महालक्ष्मी जी का व्रत | Fast of Mahalakshmi ji

महालक्ष्मी जी का व्रत को भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन से किया जाता है लक्ष्मी जी के व्रत को भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी से लेकर अश्विनी पक्ष की अष्टमी तक चलता है | और अगर आप हर सप्ताह लक्ष्मी जी का व्रत करना चाहते है तो आप शुक्रवार के दिन पूजा अर्चना और पूरी विधि-विधान से माता जी का व्रत कर सकते है |

महालक्ष्मी व्रत कथा पीडीऍफ़ फाइल की जानकारी | Mahalaxmi Vrat Katha file Details

Name of the PDF FileMahalaxmi Vrat Katha
PDF File Size5.4 MB
CategoriesReligious
SourcePDFHIND.COM
Uploaded on5-4-2022
PDF LanguageHINDI & SANSKRIT
महालक्ष्मी व्रत कथा

लक्ष्मी माता जी त्रिदेवो में सबसे महान विष्णु जी की पत्नी है तो आप लक्ष्मी को प्रसन्न कर के विष्णु भगवान का भी आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते है | आप को बता दे की हिन्दू धर्म साथ-साथ जैन धर्म में भी लक्ष्मी जी को भाग्य (भाग्य को चमकाने वाली देवी ) के रूप में लक्ष्मी जी को पूजा जाता है | माता लक्ष्मी का प्रतिक चिन्ह गदा धनुष-बान और माँ लक्ष्मी जी उल्लू,गरुड़,और कमल की सवारी करते है |

Mahalaxmi Vrat Katha
Mahalaxmi Vrat Katha

कैसे करे महालक्ष्मी जी का व्रत | महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि

  • सबसे पहले आप को सुबह जल्दी उठ कर अपना नित्य क्रिया कर के स्नान करे
  • उस के बाद आप सवच्छ कपडे पहन कर माता जी के दरबार में पूजा की तयारी करे
  • तयारी करने से पहले आप को माता के दरबार या पूजा करने के स्थान को अच्छे से धो कर या फिर पोछा लगा कर साफ कर ले
  • अब आप को मंदिर में या पूजा के स्थान पर एक चोकी ले कर माता जी की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करे
  • यह सब कर लेने के बाद आप को पूजा के लिए सामग्री को तैयार करना है
  • पूजा सामग्री में आप अगरबत्ती, धूप, रुई या बत्ती, दीपक, घी, फूलों का हार, लाल रंग की गोटेदार चुनरी, लाल चूड़ियां, सिन्दूर, कुमकुम, मौली, शृंगार का सामान, आम के बिना कटे पत्‍ते, लाल वस्त्र, माचिस, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, नारियल, कलश, साफ चावल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, प्रशाद, कपूर, फल आदि ले
  • और आप को महालक्ष्मी जी के वर्त की कथा को पढने के लिए आप हमारे द्वरा दी गई पीडीऍफ़ फाइल का प्रिंट या फिर मोबाइल पे पढ़ सकते है
  • प्रशाद और सामग्री लेने के बाद आप को पूजा सुरु करना है
  • पूजा सुरु करने से पहले अप को सबसे पहले श्री गणेश जी को ही याद करना बेहत ही अच्छा माना जाता है
  • हर शुभ काम करने से पहले श्री गणेश जी को याद करने से हमारा कार्य अच्छे से संपन होता है
  • इस के बाद आप महालक्ष्मी जी की व्रत कथा पाश सकते है
  • व्रत कथा को पढने के बाद आप लक्ष्मी जी की आरती का भी पाठ कर सकते है

महालक्ष्मी जी का व्रत करने के लाभ | Benefits of fasting Mahalaxmi

महालक्ष्मी जी के व्रत करने से बहुत से प्रकार के लाभ मिलते है हम ने आप को लगभग सभी प्रकार के लाभ के बारे में बताया है

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  • महालक्ष्मी जी के व्रत करने से माँ लक्ष्मी जी का आशीर्वाद मिलता है
  • महालक्ष्मी जी का व्रत पूरी विधि-विधान से करने से धन-सम्पदा से खुशहाल होता है
  • व्रत को अच्छे से करने से हमारे अटके हुवे कम वनने लगते है
  • महालक्ष्मी जी का अष्टमी का व्रत करने से बिगड़े कम भी बनने लगते है
  • माता लक्ष्मी जी के व्रत को करने से मन में शांति बनी रहती है
  • माँ लक्ष्मी जी के व्रत को सही ढंग से करने से पढाई में भी मन लगता है
  • व्रत करने से मन में सकारात्मक उर्जा मिलती है
  • महा लक्ष्मी जी का व्रत करने से सवास्थ्य संबधी समस्या में भी लाभ मिलता है
  • व्रत को करने से शारीर में पेट से संन्धित समस्या से भी लाभ मिलता है
  • महालक्ष्मी जी का व्रत करने से विष्णु जी का भी आशीर्वाद हमेशा बना रहता है |
  • महा लक्ष्मी जी के व्रत को सही तरीके से करने से वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है।

महालक्ष्मी जी का व्रत कब करना चाहिय | When should Mahalakshmi ji fast

महालक्ष्मी जी के व्रत को आप भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी से लेकर अश्विनी पक्ष की अष्टमी तक कुल 16 दिनों तक कर सकते है और वही अगर आप हर सप्ताह माता जी के व्रत को करना चाहते है तो आप हर शुक्रवार के दिन वरात रख सकते है आप को बता से की आप गर भाद्रपद की सुकल अष्टमी से लेकर अश्विनी की अष्टमी तक व्रत को पूरी जानकारी और विधि-विधा से करते है तो आप को मन-वांछित फल मिलता है |

Mahalaxmi Vrat Katha
Mahalaxmi Vrat Katha

महालक्ष्मी व्रत कथा | Mahalaxmi Vrat Katha

पौराणिक कथा के अनुसार एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था और वो भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। ब्राह्मण रोज़ाना पूरे विधि-विधान से विष्णु भगवान की पूजा – पाठ करता था। एक दिन उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर विष्णु भगवान ने उसे साक्षात दर्शन दिए और उस ब्राह्मण से एक वरदान मांगने को कहा। तब ब्राह्मण ने अपने घर में लक्ष्मी माता जी का घर में वास होने की इच्छा जाहिर की अथार्थ लक्ष्मी माता जी का घर में आने के लिए बोला

विष्णु भगवान ने ब्राह्मण से कहा की में तुम्हे लक्ष्मी जी के प्राप्ति का सही तरीका बताता हु अगर आप इस तरीके से काम करोगे तो आप को लक्ष्मी जी के दर्शन हो जायेगे और विष्णु जी ने ब्राह्मण को लक्ष्मी प्राप्ति का पूरा मार्ग बताया। विष्णु भगवान ने ब्राह्मण से कहा कि पास के मंदिर के सामने एक स्त्री आती है और वो यहां आकर उपले बनाती है। तुम उस स्त्री को अपने घर आने का आमंत्रण देना, वहीं लक्ष्मी मां हैं।

यह कहकर विष्णु जी अंतर्ध्यान हो गए। अगले दिन जब ब्राह्मण मंदिर के पास से गुजर रहा था तो उसने उस स्त्री को उपले थापने हुए देखा तो ब्राह्मण ने उन्हें अपने घर आने का निवेदन किया। ब्राह्मण की बात सुनकर लक्ष्मी माता ने ब्राह्मण से कहा कि मैं तुम्हारे साथ ज़रुर चलूंगी लेकिन तुम्हें पहले महालक्ष्मी व्रत करना होगा। 16 दिन तक व्रत करने और 16 वें दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी। ब्राह्मण ने लक्ष्मी मां के कहे अनुसार इस व्रत को किया और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हुईं। तभी से यह व्रत रखा जाने लगा और इसी तरीके से ब्राह्मण के घर में सभी प्रकार की खुशिया लोट आई |

2022 में महालक्ष्मी जी का व्रत कब है ?

2022 में इस व्रत को शनिवार 3 sept. 2022 से लेकर 17 sept. 2022 तक है

महालक्ष्मी जी का व्रत कब किया जाता है ?

महालक्ष्मी जी के व्रत को आप भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी से लेकर अश्विनी पक्ष की अष्टमी तक कुल 16 दिनों तक कर सकते है

महालक्ष्मी जी का व्रत कितने दिनों तक करना चाहिय ?

महालक्ष्मी जी का अष्टमी का व्रत 16 दिनों तक किया जाता है और इस व्रत को करने से माता जी का आशीर्वाद मिलाता है |

महालक्ष्मी जी का व्रत कोनसे वार को कर सकते है ?

अगर आप लक्ष्मी जी का साप्ताहिक व्रत रखना चाहते है तो आप हर शुक्रवार के दिन इस का व्रत रख सकते है

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