Lingashtakam Stotram PDF in Hindi डाउनलोड पीडीऍफ़ फाइल करने के लिए निचे पोस्ट के अंत में डाउनलोड लिंक के माध्यम से किया जा सकता है | दोस्तों स्वागत है फिर से आप के अपने pdfhind.com के पोस्ट पर इस पोस्ट में हम आप के लिए भगवान शिव जी के लिंगाष्टकम स्तोत्रम (Lingashtakam Stotram) पाठ ले कर आये है |तो आप यहाँ पर पढ़िय और डाउनलोड करे-
दोस्तों आप को पता है की भगवान शिव जी को प्रसन्न करना बहुत आसान है अगर सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा की जाये तो | शिव जी बड़े ही दयालु सभाव के है उनके इसी उदारता को देखते हुवे उनको भोले भंडारी कहते है | लिंगाष्टकम पाठ शिव जी के सबसे पसंदीद पाठों में गिना जाता है |
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लिंगाष्टमक नाम का अर्थ है की शिव जी के शिवलिंग की महानताओ के बारे में आठ श्लोक | लिंगाष्टकम स्तोत्रं की रचना अलग अलग विद्वान् अलग-अलग बताते है | कुछ लोग बताते हे की इस पाठ को श्री अदि शंकराचार्य जी ने लिखा है| और कुछ अन्य लोगो की माने तो महामुनि अगस्त्य के द्वरा लिखा गया है |

शिव लिंगाष्टकम स्तोत्र पीडीऍफ़ फाइल की जानकारी | Shiv Lingashtakam Stotram file Details
Name of the PDF File | Shiv Lingashtakam Stotram | (शिव लिंगाष्टकम स्तोत्र) |
PDF File Size | 4.7 MB |
Categories | Religious |
Source | PDFHIND.COM |
Uploaded on | 01-01-2022 |
PDF Language | HINDI & SANSKRIT |
सावन में करे लिंगाष्टकम स्तोत्रम का पाठ | Perform Lingashtakam Stotram in Sawan
दोस्तों लिंगाष्टकम स्तोत्रम का पाठ सावन में करने का विशेष महत्व है | शिवरात्रि (सावन) के समय रात्रि के समय लिंगाष्टकम स्तोत्रम का पाठ करना और भी ज्यदा लाभकारी रहता है | एसे माना जाता है की अगर हर शिवरात्रि की रात को लिंगाष्टकम स्तोत्रं का पाठ नित्य कटे तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी | वास्तव में ही लाभकारी है भगवान शिव का लिंगाष्टकम स्तोत्रं पाठ |
शिव लिंगाष्टकम स्तोत्र को पाठ करने फायेदे | Benefits of Shiva Lingashtakam Stotram
- शिव लिंगाष्टकम पाठ करने से शिव जल्दी प्रसन्न होते है |
- पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- पाठ करने से शिव की कृपा से सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है।
- पाठ करने से स्मरणशक्ति और अपने आप में आत्मविश्वास बढ़ता है |
- पाठ करने से वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है।
- शिव लिंगाष्टकम स्तोत्र के मंत्रो का जाप करने से हमरे शरिर में एक सकारात्मक उर्जा मिलती है |
- लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से माँ लक्ष्मी का भी आशीर्वाद हमेशा बना रहता है |
- स्तोत्र का पाठ करने से बुरी किस्मत,स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित बच्चे, काला जादू, दुःस्वप्न और पिछले जन्म के कर्मो का पश्याताप करने का मोका मिलता है |
लिंगाष्ठकम स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित | Lingashtakam Stotram
ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं
निर्मलभासित शोभित लिंगम् |
जन्मज दुःख विनाशक लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 1 ||
जो ब्रम्हा विष्णु और सभी देवगणों के इष्टदेव है, जो परम पवित्र, निर्मल, तथा सभी जीवो की मनोकामना को पूर्ण करने वाले है, और जो लिंग के रूप में बराबर जगत में स्थापित हुए है, जो संसार के संहारक है और जन्म और मृत्यु के दुखो का विनाश करते है, ऐसे भगवान सदा शिव – लिंग को नित्य निरंतर प्रणाम है!
देवमुनि प्रवरार्चित लिंगं
कामदहन करुणाकर लिंगम् |
रावण दर्प विनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 2 ||
सभी देवताओं और मुनियों द्वारा पुजित लिंग जो काम का दमन करता है तथा करूणामयं भगवान् शिव का स्वरूप है जिसके द्वारा रावण के अभिमान का भी नाश हुआ उन सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।
सर्व सुगंध सुलेपित लिंगं
बुद्धि विवर्धन कारण लिंगम् |
सिद्ध सुरासुर वंदित लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 3 ||
जो सभी प्रकार के सुगंधित पदार्थों द्वारा सुलेपित लिंग है जो कि बुद्धि का विकास करने वाला है तथा सिद्ध- सुर (देवताओं) एवं असुरों सभी के लिए वन्दित है उन सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।
कनक महामणि भूषित लिंगं
फणिपति वेष्टित शोभित लिंगम् |
दक्ष सुयज्ञ निनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 4 ||
जो स्वर्ण एवं महामणियों से विभूषित एवं सर्पों के स्वामी से शोभित सदाशिव लिंग तथा जो कि दक्ष के यज्ञ का विनाश करने वाला है।आपको हमारा प्रणाम।
कुंकुम चंदन लेपित लिंगं
पंकज हार सुशोभित लिंगम् |
संचित पाप विनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 5 ||
लिंग जो कुंकुम एवं चन्दन से सुशोभित है। कमल हार से सुशोभित है। सदाशिव लिंग जो कि हमें सारे संञ्चित पापों से मुक्ति प्रदान करने वाला है उन सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।
देवगणार्चित सेवित लिंगं
भावै-र्भक्तिभिरेव च लिंगम् |
दिनकर कोटि प्रभाकर लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 6 ||
सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम जो सभी देवों एवं गणों द्वारा शुद्ध विचार एवं भावों के द्वारा पुजित है तथा करोडों सूर्य सामान प्रकाशित हैं।
अष्टदलोपरिवेष्टित लिंगं
सर्वसमुद्भव कारण लिंगम् |
अष्टदरिद्र विनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 7 ||
आठों दलों में मान्य तथा आठों प्रकार के दरिद्रता का नाश करने वाले सदाशिव लिंग जो सभी प्रकार के सृजन के परम कारण हैं आप सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।
सुरगुरु सुरवर पूजित लिंगं
सुरवन पुष्प सदार्चित लिंगम् |
परात्परं परमात्मक लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 8 ||
देवताओं एवं देव गुरू द्वारा स्वर्ग के वाटिका के पुष्पों द्वारा पुजित परमात्मा स्वरूप जो कि सभी व्याख्याओं से परे है उन सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।