हैल्लो दोस्तों, आज हम आपको विष्णु भगवान की वृत्त कथा और आरती की pdf download कैसे करें, इस बारे मैं आज आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने जा रहे है l इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप भी विष्णु भगवान की वृत्त कथा और आरती की पीडीऍफ़ को दी गई लिंक के द्वारा आसनी से डाउनलोड कर सकते है l
PDF Name | विष्णु भगवान की वृत कथा की PDF |
NO. Of Page | 6 |
PDF Size | 188 KB |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | pdfhind.com |
Download Link | Available |
विष्णु भगवान के वृत की कथा l Vishanu Bhagawan ke Vrit ki Katha

विष्णु भगवान के वृत की कथा में आज हम आपको बताएँगे की विष्णु भगवान को हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा पूजनीय क्यों माना जाता है, विष्णु भगवान भारत में हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा पूजनीय इसलिए माने जाते है क्योंकि ये पूरी श्रष्टि का संतुलन बनाये रखते है जिसके कारण पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव-जन्तु और अन्य सभी के उपकार के लिए ये सबसे अच्छी और सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है l इस कारण इन्हें सर्वश्रेष्ठ ईश्वर के रूप में माना जाता है l
भगवान विष्णु के वृत कथा और आरती करने से आपके जीवन में आने वाली विवाह से सम्बंधित समस्याएं बहुत ही आसानी से दूर हो जाएँगी और आपको अपनी जिन्दगी में आगे बढ़ाने के लिए महतवपूर्ण भूमिका निभाएगी l परन्तु आपको इस भगवान विष्णु के वृत कथा और आरती का पाठ सभी बृहस्पतिवार / गुरुवार को अवश्य करें l विष्णु भगवान की व्रत कथा को पढने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी |
विष्णु भगवान के वृत की आरती l Vishanu Bagawan ke Vrit ki Aarti
ॐ जय बृहस्पति देवा
ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा।
छिन-छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे।
जेष्टानंद बंद सो-सो निश्चय पावे।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
विष्णु भगवान के वृत कथा की पूजा विधि l Vishanu Bhagwan ke Vrit Katha ki Pooja Vidhi
- बृहस्पतिवार / गुरुवार को सुबह जल्दी यानी कि सूर्य उदय होने से पहले स्नान करें l
- स्नान करने के बाद केवल पीले कलर के वस्त्रों ही धारण करें और पूजा करते समय भी पीले वस्त्र ही धारण करके रखें l
- भगवान सूर्य और तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें l
- भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर पूजन विधि द्वारा पूजा करें और पूजा करते समय प्रयोग में आने वाली सभी वस्तुओं का पीला होना अति आवश्यक माना जाता है l
- पीले फूल, पीली चने की दाल, पीली मिठाई (लड्डू), पीले फल (कैला), पीले चावल और साथ ही पीली हल्दी का भी प्रयोग करें l
- इन सब के बाद कैले के पेड़ के नीचे बैठ उसके तने पर पीली चने की दाल से पूजा करें l
- इसके बाद घी का दीपक जला कर विष्णु भगवान की आरती करें l
- और इसके बाद कैले के पेड़ के नीचे बैठ कर विष्णु भगवान वृत कथा का सम्पूर्ण पाठ सच्ची श्रध्दा के साथ करें l
नीचे दी गई लिंक के द्वारा विष्णु भगवान के वृत कथा और आरती की pdf फाइल को बहुत ही आसानी से download कर सकते है l