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Karwa Chauth Vrat Katha in Hindi pdf file download Link Available in Bottom on this post | करवा चौथ व्रत कथा पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड करने का लिंक आप को इस पोस्ट के निचे मिल जायेगा आप आसानी से इस फाइल को डाउनलोड कर सकते है |
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाता है | सुहागिन महिलाये इस व्रत को बड़े ही उत्साह से रखती है और पूरी विधि-विधान से इस व्रत को करती है | कहा जाता है की इस व्रत को करने से महिला के पति को द्रीघ आयु की प्राप्ति होती है |
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करवा चौथ के व्रत को कठिन व्रत में गिना जाता है | इस व्रत में निर्जला उपवास रखना पड़ता है जैसे की किसी भी प्रकार का भोजन नहीं कर सकते है (अखंड) और न ही पानी पि सकते है | आप सबको पता ही होगा की करवा चौथ के व्रत(इस दिन) में महिलाओं द्वारा भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेश की पूजा की बड़े ही उत्साह से की जाती है माता पार्वती और भगवान शिव व्रत रखने वाले महिला और पुरुष को अपने पति और पत्नी की दीर्घायु का वरदान देते है |

करवा चौथ व्रत कथा सोमवार व्रत कथा पीडीऍफ़ फाइल की जानकारी | Karwa Chauth Vrat Katha pdf file Details
Name of the PDF File | Karwa Chauth Vrat Katha |
PDF File Size | .5MB |
Categories | Religious |
Beneficiary | For All People |
Source | PDFHIND.COM |
Mode | Online/Offline |
Uploaded on | 05-03-2022 |
PDF Language | HINDI |
इस दिन महिलाये अखंड और निर्जला व्रत रखती है | जो महिला इस व्रत को पूरी विधि-विधान से करती है उन को चौथ माता जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है |
2022 करवा चौथ व्रत तारीख व समय | Karwa Chauth 2022 Date
इस साल 2022 में करवा चौथ का व्रत अक्टूबर महीने की 13 तारीख गुरुवार के दिन आएगा और इस दिन पूजा करने का सही समय शाम 5 बज कर 43 मिनट से लेकर शाम 6 बज कर59 मिनट तक शुभ मुहर्त है | करवा चौथ वाले दिन आप इस समय पर पूजा करते है तो आप के लिए बहुत ही लाभदायक होगा |

करवा चौथ व्रत करने की विधि / तरीका जाने
दोस्तों करवा चौथ का व्रत करने के कुछ नियम बताये है जिन से आप व्रत को और अच्छे तरीके से कर सकते है | दोस्तों जब भी आप व्रत करे तब आपको पूरी विधि-विधान से करना चाहिय |
- व्रत करने वाले दिन सुबह जल्दी उठ कर नित्य क्रिया कर स्नान करना चाहिय |
- उस के बाद आप साफ-सुथरे कपडे पहने |
- आपना काम को निपटा लेने के बाद आप पूजा की तयारी करे |
- पूजा की तयारी में आप को पूजा सामग्री, प्रशाद आदि चीजो की तयारी करनी है |
- करवा चौथ व्रत में पूजा के लिए कुछ चीजो की आवश्यकता होगी जिस से आप पूजा को और भी अच्छे से कर सकते है जैसे जी मिट्टी का एक करवा, मां गौरी या चौथ माता, शिव जी एवं गणेश जी की मूर्ति, माता और भगवान की मूर्ति को स्थापित करने के लिए एक लकड़ी की चोकी, पानी के लिए एक लोटा, गंगाजल, गाय का कच्चा दूध, दही एवं देसी घी, अगरबत्ती, रूई और एक दीपक, फूल, चंदन, रोली, हल्दी और कुमकुम, मिठाई, शहद, और बैठने के लिए आसन, पूजा के लिए पंचामृत, भोग के लिए फल एवं हलवा-पूड़ी
- चौथ माता का व्रत सुहागिन महिलाए करती है तो इस के लिए आप सुहाग सामग्री भी ले सकते है जैसे की महावर, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, कंघा, बिछुआ, चुनरी आदि।
- आप दीपक जला कर और भोग लगा कर आप इस पूजा को पूरी तरह से सुरु कर सकते है |
- यह सब तयारी करने के बाद आप को सही समय पर पूजा को सुरु करना है और चौथ माता जी की आरती के साथ -साथ आप को करवा चौथ की सम्पूर्ण कथा का पाठ भी करना जरुरी है |
- इसी प्रकार आप चौथ माता जी को प्रसन्न कर सकते है |
करवा चौथ करने के फायेदे | Benefits of Karwa Chauth Vrat
- चौथ माता जी का व्रत करने के वैसे तो अनेको लाभ मिलता है लेकिन माता जी का यह व्रत विशेष सुहागिन महिला अपने वर के लिए लम्बी उम्र की कामना के लिए करती है |
- करवा चौथ का व्रत करने से संतान का सुख भी प्राप्त हो सकता है |
- करवा चौथ के व्रत में चौथमाता, श्री गणेश,और चन्द्रमा जी की पूजा की जाती है |
- करवा चौथ का व्रत रखने से न केवल पति की आयु लम्बी होती है बल्कि पति-पत्नी के बिच में भी अच्छा तालमेल बना रहता है |
- करवा चौथ का व्रत रखने से शिव जी का भी आशीर्वाद बना रहता है |
- पत्नी बीमार है तो उस समय महिला का पति इस व्रत को रख सकता है |
करवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Vrat Katha In Hindi
एक समय की बात है | देव नगर में एक साहूकार रहता था | उस साहूकार के सात लडके और एक लड़की थी | साहूकार ने सभी बच्चो की शादी कर रखी थी | घर के सभी लोग खुशी-ख़ुशी रहते थे | एक बार फिर कार्तिक मास में कृषण पक्ष की चतुर्थी को माता करवाचौथ का व्रत आया घर में साहूकार की पत्नी सहित घर की सभी महिलाओ ने माता करवा चौथ का व्रत रखा |
व्रत वाली शाम को जब साहूकार के सभी लडके काम से घर आये और सभी भाई खाना खाने लगे तब उन्होंने अपनी बहन से कहा की बहन आप भी हमारे साथ खाना खा लो तब साहूकार की बेटी ने कहा की नहीं आप खाओ मेने आज करवा चौथ का व्रत रखा है और में चाँद को देख कर खाना खाऊगी आप खा लो |
साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे और उन्होंने अपनी बहन को खाना खिलने के लिए एक तरकीब सोची और वे सब गाव के बहार जाकर एक ऊचे से पेड़ पर चढ़ कर आग जला दी और फिर वे आकर अपनी बहन को बोले की देखो बहन चाँद निकल आया है आप जल्दी से देख कर खाना खा लो बहन से उस आग को देखा तो वह चाँद की ही तरह लग रही थी और उसने अपनी भाभियों को कहा की आप भी चाँद को देख लो और खाना खा लो |
भाभियों ने कहा की वह चाँद नहीं है आप के भाइयो ने आप को खाना खिलाने के लिए वह आग जला कर आये है लेकिन बहन ने बात नहीं मानी और वह चाँद को देख कर खाना खा लिया | बहन के खाना खाने से चौथ माता और श्री गणेश जी को गुस्सा गया और साहूकार की बेटी के नाखुश हो कर क्रोधित हो जाने के कारण साहूकार की बेटी का पति बीमार पड़ गया और घर की सारी संपती बीमार पति के इलाज में लगा दी |
साहूकार की बेटी बहुत ही परेशान हो गई और वह चौथ का व्रत रखने लगी | सच्चे मन से हर चौथ के दिन माता जी की पूजा पाठ करती और पुरे विधि- विधान से व्रत करती | कुछ समय बीत जाने के बाद माता जी साहूकार की बेटी की आस्था को देखते हुवे माता ने सुख शांति का वरदान दिया और कुछ ही दिनों में साहूकार की बेटी का पति एकदम सही हो गया और घर में भी धीरे-धीरे धन-सम्पदा आने लगी
इसी प्रकार जो भी भगत चौथ के दिन माता और श्री गणेश जी की पूजा और व्रत रखते है वह बहुत ही खुश रहते है घर में किसी प्रकार की कमी नहीं रहती है |