[Instant PDF]Mahalaxmi Mantra | महालक्ष्मी मंत्र पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड

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Mahalaxmi Mantra | Maa Laxmi Mantra | Laxmi Mantra Lyrics | माँ लक्ष्मी के शुभ मंत्र | महालक्ष्मी मंत्र | लक्ष्मी माँ के चमत्कारी मंत्र

Mahalaxmi Mantra : नमस्कार दोस्तों आज आप के लिए महालक्ष्मी मंत्र (Mahalaxmi Mantra) का पीडीऍफ़ फाइल ले कर आये है | आप यहाँ से फाइल डाउनलोड कर सकते है | और साथ ही यहाँ पर माँ लक्ष्मी मंत्र का उच्चारण भी कर सकते है | दोस्तों हमारी हर पोस्ट में आप को भरपूर ज्ञान मिलेगा और पोस्ट से जुडी सारी जानकारी भी मिलेगी

Mahalaxmi Mantra : हम ने यहाँ पर महालक्ष्मी मंत्र के आलावा आप की राशी के हिसाब से मंत्रो को जप करने का तरीका भी बताया है तो आप यहाँ से अपनी राशी के हिसाब से पढ़े माँ लक्ष्मी के मंत्र |

दोस्तों आप को बता दे की माता लक्ष्मी भगवान विष्णु जी की पत्नी है | माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है | हिन्दू धर्म में माता लक्ष्मी जी को विशेष महत्व दिया जाता है | माता लक्ष्मी जी के महालक्ष्मी मंत्रो का जाप शुक्रवार के दिन करने से माता जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है |

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हिन्दू धर्म के विद्वान पंडितो और ज्योतिषों का कहना है की माता लक्ष्मी जी के नियेमित रूप से शुक्रवार के दिन व्रत रखने से और पूजा-अर्चना करने से माता जल्दी प्रसन्न होती है और अपने भगतो के कष्ट दूर करती है | घर में सुख- शांति बनी रहती है |

Mahalaxmi Mantra | (महालक्ष्मी मंत्र)

महालक्ष्मी मंत्र पीडीऍफ़ फाइल की जानकारी | Mahalaxmi Mantra file Details

Name of the PDF FileMahalaxmi Mantra | (महालक्ष्मी मंत्र)
PDF File Size5.4 MB
CategoriesReligious
SourcePDFHIND.COM
Uploaded on31-12-2021
PDF LanguageHINDI & SANSKRIT

महालक्ष्मी मंत्रो का जाप करने फायेदे | Benefits of Mahalaxmi Mantra

महालक्ष्मी मंत्र (Mahalaxmi Mantra) के मंत्रो का जाप करने के 10 अनोखे फायेदे –

  • महालक्ष्मी मंत्रो का जाप करने से माँ जल्दी प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद मिलता है |
  • माता जी के मंत्रो का जाप करने से निर्धन को भी धन सम्पदा का लाभ मिलता है |
  • माँ लक्ष्मी जी के चमत्कारी मंत्रो का जाप करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  • महालक्ष्मी जी के मंत्रो के जाप से माता की कृपा से सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है।
  • मंत्रो पाठ करने से स्मरणशक्ति और अपने आप में आत्मविश्वास बढ़ता है |
  • मंत्रो का जाप करने से वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है।
  • मंत्रो का जाप करने से हमरे शरिर में एक सकारात्मक उर्जा मिलती है | 
  • माता जी के मंत्रो का पाठ करने से विष्णु जी का भी आशीर्वाद हमेशा बना रहता है |
  • माता के मंत्रो का जाप करने से बुरी किस्मत,स्वास्थ्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है |
  • प्रति शुक्रवार के दिन माता जी का उपवास रख कर माता जी की कहानी और मंत्रो का जाप करने से वैवाहिक रिश्तों में लाभ, धन में वृधि, अटके काम बन जाते है और किस्मत के दरवाजे भी खुल जाते है |

महालक्ष्मी मंत्र हिंदी अर्थ सहित | Mahalaxmi Mantra

नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्षि्म नमोस्तु ते॥1॥

इन्द्र बोले- श्रीपीठपर स्थित और देवताओं से पूजित होने वाली हे महामाये। तुम्हें नमस्कार है। हाथ में शङ्ख, चक्र और गदा धारण करने वाली हे महालक्षि्म! तुम्हें प्रणाम है॥1॥

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयङ्करि।
सर्वपापहरे देवि महालक्षि्म नमोस्तु ते॥2॥

गरुडपर आरूढ हो कोलासुर को भय देने वाली और समस्त पापों को हरने वाली हे भगवति महालक्षि्म! तुम्हें प्रणाम है॥2॥

सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयङ्करि।
सर्वदु:खहरे देवि महालक्षि्म नमोस्तु ते॥3॥

सब कुछ जानने वाली, सबको वर देने वाली, समस्त दुष्टों को भय देने वाली और सबके दु:खों को दूर करने वाली, हे देवि महालक्षि्म! तुम्हें नमस्कार है॥3॥

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्षि्म नमोस्तु ते॥4॥

सिद्धि, बुद्धि, भोग और मोक्ष देने वाली हे मन्त्रपूत भगवति महालक्षि्म! तुम्हें सदा प्राम है॥4॥

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्ति महेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्षि्म नमोस्तु ते॥5॥

हे देवि! हे आदि-अन्त-रहित आदिशक्ते ! हे महेश्वरि! हे योग से प्रकट हुई भगवति महालक्षि्म! तुम्हें नमस्कार है॥5॥

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्ति महोदरे।
महापापहरे देवि महालक्षि्म नमोस्तु ते॥6॥

हे देवि! तुम स्थूल, सूक्ष्म एवं महारौद्ररूपिणी हो, महाशक्ति हो, महोदरा हो और बडे-बडे पापों का नाश करने वाली हो। हे देवि महालक्षि्म! तुम्हें नमस्कार है॥6॥

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि।
परमेशि जगन्मातर्महालक्षि्म नमोस्तु ते॥7॥

हे कमल के आसन पर विराजमान परब्रह्मस्वरूपिणी देवि! हे परमेश्वरि! हे जगदम्ब! हे महालक्षि्म! तुम्हें मेरा प्रणाम है॥7॥

श्वेताम्बरधरे देवि नानालङ्कारभूषिते।
जगत्सि्थते जगन्मातर्महालक्षि्म नमोस्तु ते॥8॥

हे देवि तुम श्वेत वस्त्र धारण करने वाली और नाना प्रकार के आभूषणों से विभूषिता हो। सम्पूर्ण जगत् में व्याप्त एवं अखिल लोक को जन्म देने वाली हो। हे महालक्षि्म! तुम्हें मेरा प्रणाम है॥8॥

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्ति मान्नर:।
सर्वसिद्धिमवापनेति राज्यं प्रापनेति सर्वदा॥9॥

जो मनुष्य भक्ति युक्त होकर इस महालक्ष्म्यष्टक स्तोत्र का सदा पाठ करता है, वह सारी सिद्धियों और राज्यवैभव को प्राप्त कर सकता है॥9॥

एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धनधान्यसमन्वित:॥10॥

जो प्रतिदिन एक समय पाठ करता है, उसके बडे-बडे पापों का नाश हो जाता है। जो दो समय पाठ करता है, वह धन-धान्य से सम्पन्न होता है॥10॥

त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा॥11॥

जो प्रतिदिन तीन काल पाठ करता है उसके महान् शत्रुओं का नाश हो जाता है और उसके ऊपर कल्याणकारिणी वरदायिनी महालक्ष्मी सदा ही प्रसन्न होती हैं॥11॥

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वृषभराशी Mahalaxmi Mantra

ॐ सर्वबाधा विर्निमुक्तो धनधान्यसुतान्वित:, मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय:

मिथुन राशी Mahalaxmi Mantra

ॐ श्रीं श्रीये नम

कर्क राशी Mahalaxmi Mantra

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ

सिंह राशी Mahalaxmi Mantra

ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नम:

कन्‍या राशी Mahalaxmi Mantra

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी नम:

तुला राशी Mahalaxmi Mantra

ॐ श्रीं श्रीय नम:

वृश्चिक राशी Mahalaxmi Mantra

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नम:

धनु राशी Mahalaxmi Mantra

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नम:

मकर राशी Mahalaxmi Mantra

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ

कुंभ राशी Mahalaxmi Mantra

ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा

मीन राशी Mahalaxmi Mantra

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नम:

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