महादेव शिव जी की आरती लिरिक्स पीडीऍफ़ | Shiv Ji Aarti Lyrics in Hindi pdf download

शिव जी की आरती | Shiv Ji Aarti Lyrics in Hindi :- यहाँ से डाउनलोड करे महादेव शिव जी की आरती | दोस्तों आप यहाँ से सोमवार की आरती भी डाउनलोड कर सकते है | हमने इस पोस्ट में पीडीऍफ़ फाइल को डाउनलोड करने का सीधा लिंक दिया है |

नमस्कार दोस्तों सोमवार के दिन भगवान शिव जी की आरती करना बहुत ही शुभ माना गया है | आप भी भोले भंडारी के भगत है और आप भी शिव को प्रसन्न करना चाहते है तो आप यहाँ से शिव भोले की आरती का पीडीऍफ़ पढ़ सकते है | हमने यहाँ पर शिव शंकर जी की आरती का पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड करने का लिंक भी दिया है तो आप आसानी से इस पीडीऍफ़ फाइल को भी डाउनलोड कर सकते है |

शिव जी की आरती
शिव जी की आरती

शिव को हिन्दू धर्म में बहुत पूजा जाता रहा है | महाशिवरात्रि के पर्व को पुरे भारत देश में ही बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है | सावन के दिनों में रोज जय शिव ओंकारा आरती का पाठ करना बहुत ही फायेदेमंद होता है इस समय भगवान शिव जी की विशेष कृपा रहती है | शिव जी अपने दयालुता के भाव से हमेशा ही अपने भगतो पर दया रखते है इस कारण शिव जी को भोले भंडारी के नाम से भी जाना जाता है | दोस्तों वैसे तो शिव भोले को काफी मानो से पुकारा जाता है जैसे की कुछ नाम बहुत ही प्रसिद है जैसे की परमेश्वर, त्रिमूर्ति, त्रिनेत्रधारी, महादेव, भाष्माधारी, भोले नाथ, आदि नमो से जाना जाता है |

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ॐ जय शिव ओंकारा आरती पीडीऍफ़ फाइल की जानकारी | Shiv Ji Aarti Lyrics in Hindi pdf file Details

Name of the PDF FileShiv Ji Aarti Lyrics in Hindi
PDF File Size4.7 MB
CategoriesReligious
SourcePDFHIND.COM
Uploaded on28-02-2022
PDF LanguageHINDI & ENGLISH
शिव जी की आरती

महादेव शिव जी की आरती कैसे करे | How to do Somvar Aarti (Shiv ji Aarti Lyrics)

दोस्तों भगवान शिव जी की आरती करने से पहले आप को यह सब जानकारी पढ़ लेना चाहिए | दोस्तों भोले जी की आरती को सुबह जल्दी उठ कर करने का ज्यादा लाभ मिलता है | आप को सुबह जल्दी उठ कर नित्य क्रिया कर के स्नान कर लेवे स्नान कर लेने के बाद आप को साफ-सुथरे कपडे पहने | उस के बाद आप शिव जी ने मंदिर या पूजा के स्थान को धो ले या अच्छे से सफाई करे |

उस के बाद आप को मंदिर या पूजा करने वाले स्थान पर गंगा जल से प्रवित्र कर लेवे अगर गंगा जल आप के पास उपलब्ध नहीं है तो आप सवच्छ जल ला कर भी यह कर सकते है | उस के बाद आप को पूजा की सामग्री को तैयार करना है और साथ में आप प्रशाद भी रख लेवे | पूजा सामग्री, प्रशाद सामग्री में आप को पान, धतूरा, सुपारी, ऋतूफल, रोली, मोली, धुप, कपूर, लोंग, कुमकुम, माला, लोटा, गंगाजल, दीपक, पंचाम्रत (गाये का दूध, घी, दही, शहद, शक्कर) , आरती के लिए थाली, आम के पत्ते आदि सामग्री ले सकते है | दोस्तों इन में से आप के पास कोई सामग्री नहीं है तो भी आप पूजा कर सकते है | इस के बाद आप को पूजा सुरु कर सकते है |

Benefits of Shiv Ji Aarti | शिव जी की आरती के फायेदे

दोस्तों अगर आप शिव जी के भगत है और उनकी पूजा करते है तो आप को शिव जी को याद करने या उनकी पूजा करने के फायेदे आप को पता होना जरुरी है | हम ने शिव जी की पूजा करने के अनेक फायेदे निचे बताये है |

  • अगर आप भी कोई घर की परेसनियो से परेसान है तो आप को सुबह सोमवार के दिन शिव जी की आरती का पाठ करना चाहिय |
  • अगर आप को कोई स्वास्थ्य से संबधित कोई परेशानी का सामना कर रहे है तो आप को शिव की आरती का पाठ करना चाहिए इस से आप को लाभ मिल सकता है |
  • शिव जी की आरती का पाठ करने से मन में सकारात्मक उर्जा मिलती है |
  • हर-हर महादेव की आरती करने से शिव जी के साथ-साथ माता पार्वती जी का भी आशीर्वाद मिलता है |
  • अगर आप के विवाहिक जीवन में कोई भी बाधा आ रही है तो आप शिव जी की आरती का पाठ कर सकते है इस से आप को अच्छे परिणाम मिलेगे |
  • काला जादू, स्वपन में डरना, जादू-टोना जैसी समस्यों का भी समाधान मिलता है |
  • शिव जी की आरती ओम जय शिव ओंकारा का पाठ करने से स्मरणशक्ति और खुद में आत्मविश्वास बढ़ता है |
  • शिव जी की आरती ओम जय शिव ओंकारा का पाठ करने से धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है।
नोट :- दोस्तों आप को बता दे की हमारे द्वरा बताई गई है जानकारी महान विधवानो, महान पंडितो के द्वरा बताई और उनके द्वरा लिखे गये ग्रंथो से लिया गया है | दोस्तों आप के आने वाले कल में काफी बदलाव आ सकता है अगर आप किसी भी भगवान की पूजा करते है तो आप के मन में उनके प्रति आप की श्रद्धा सच्ची होनी चाहिय | दोस्तों आप को पता है बिना श्रद्धा के कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता  है |

शिव जी की आरती
शिव जी की आरती

श्री महादेव शिव जी की आरती पढ़े | Shiv Ji Aarti Lyrics in Hindi

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा
।।ॐ जय शिव ओंकारा..॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे
।।ॐ जय शिव ओंकारा..॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे
।।ॐ जय शिव ओंकारा..॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी
।।ॐ जय शिव ओंकारा..॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे
।।ॐ जय शिव ओंकारा..॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता
।।ॐ जय शिव ओंकारा..॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका
।।ॐ जय शिव ओंकारा..॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी
।।ॐ जय शिव ओंकारा..॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे
।।ॐ जय शिव ओंकारा..॥

शिव जी की आरती

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